हाल ही में कुछ अजीब सा महसूस हो रहा है? हो सकता है आपकी थायरॉयड मदद के लिए फुसफुसा रही हो।


आप इसे देख नहीं सकते। शायद महसूस भी न करें।
लेकिन जब थायरॉयड का संतुलन बिगड़ता है — तो यकीन मानिए, सब कुछ महसूस होता है।
मूड स्विंग्स। वजन बढ़ना। दिल की धड़कन तेज़। बाल झड़ना। नींद न आना। बिना वजह आंसू।
सब कुछ एक छोटी सी, तितली जैसी ग्रंथि की वजह से जो आपकी गर्दन में चुपचाप बैठी है।
आइए खुलकर बात करें — सच में।


🌸 थायरॉयड है क्या आखिर?
थायरॉयड एक छोटी, नरम ग्रंथि है जो आपकी गर्दन के बेस पर होती है, ऐडम्स एप्पल (हां, महिलाओं में भी होता है, बस थोड़ा कम दिखाई देता है) के ठीक नीचे।
छोटी है, पर ताकतवर — यह T3 और T4 नामक हार्मोन बनाती है जो तय करते हैं कि आपका शरीर कितनी तेजी से या धीरे काम करेगा।
आपकी एनर्जी? दिल की धड़कन? वजन? यहां तक कि पीरियड्स भी?
सब कुछ चुपचाप इसी ग्रंथि के इशारों पर चलता है।

थायरॉयड को शरीर का थर्मोस्टेट समझिए।
अगर ये बहुत तेज़ (हाइपरथायरॉयडिज्म) हो जाए — तो पसीना, घबराहट, बेचैनी और बिना वजह वजन कम होने लगता है।
अगर बहुत धीमा (हाइपोथायरॉयडिज्म) हो जाए — तो थकावट, ठंड लगना, सूजन और खाना देख के भी वजन बढ़ने लगता है।
हां, ये इतना संवेदनशील होता है।


⚙️ यह काम कैसे करता है?
आपका मस्तिष्क — खासकर पिट्यूटरी ग्लैंड — एक छोटा रासायनिक “ईमेल” भेजता है जिसे TSH (थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन) कहते हैं।
थायरॉयड ये संदेश पढ़ता है और T3 और T4 हार्मोन बनाता है।

ये हार्मोन पूरे शरीर में घूमते हैं — दिल को बताते हैं कितनी तेज़ धड़कना है, पेट को कितनी तेजी से खाना पचाना है, और बालों को कब बढ़ना है।
अगर थायरॉयड को संदेश सही से न मिले, तो शरीर में गड़बड़ी शुरू हो जाती है।
और ये शुरुआत में दिखती भी नहीं।
कभी-कभी बस ऐसा लगता है कि आप “ठीक नहीं हैं” — थके हैं पर सो नहीं पाते, हेल्दी खा रहे हैं पर वजन बढ़ रहा है, एक्सरसाइज कर रहे हैं पर फिर भी सुस्ती है।


🛡️ स्वस्थ थायरॉयड के लिए सावधानियां

  • आयोडीन युक्त भोजन खाएं: थायरॉयड को आयोडीन की ज़रूरत होती है। आयोडाइज्ड नमक, डेयरी, मछली और सीवीड खाएं।
  • विटामिन D और आयरन की जांच करवाएं: इनकी कमी भी थायरॉयड को प्रभावित कर सकती है।
  • सोया और कुछ कच्ची सब्जियों से सावधान रहें: जैसे ब्रोकली और फूलगोभी — खासकर अगर पहले से थायरॉयड की दिक्कत है।
  • तनाव कम करें: लगातार तनाव आपकी थायरॉयड को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। मेडिटेशन, वॉक, डीप ब्रीदिंग — जो भी आपको सूट करे।
  • नियमित चेकअप कराएं: खासकर अगर परिवार में थायरॉयड की हिस्ट्री हो।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या थायरॉयड की वजह से डिप्रेशन और एंज़ायटी हो सकती है?
बिलकुल। थायरॉयड हार्मोन सीधे आपके दिमाग की केमिस्ट्री को प्रभावित करते हैं।

Q2: क्या थायरॉयड की दिक्कत से वजन बढ़ सकता है या घट सकता है?
दोनों संभव हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म में वजन बढ़ता है, जबकि हाइपरथायरॉयडिज्म में घटता है।

Q3: क्या थायरॉयड की बीमारी जीवनभर रहती है?
हमेशा नहीं। कुछ केस अस्थायी होते हैं (जैसे प्रेगनेंसी के बाद पोस्टपार्टम थायरॉयडाइटिस), लेकिन अधिकतर केस में जीवनभर दवा लेनी पड़ती है।

Q4: क्या थायरॉयड सिर्फ महिलाओं की बीमारी है?
नहीं। पुरुषों को भी होती है — बस कम होती है और अक्सर नजरअंदाज हो जाती है।

Q5: क्या खानपान से फर्क पड़ता है?
हां, बहुत ज्यादा। सेलेनियम, आयोडीन और ज़िंक से भरपूर संतुलित भोजन थायरॉयड को सपोर्ट करता है।


🎯 थायरॉयड को डर नहीं, ध्यान चाहिए
अगर आपको लगता है कि आपका शरीर आपकी बात नहीं सुन रहा —
अगर सब कह रहे हैं “ये तो बस स्ट्रेस है” —
अगर आईने में खुद को देखकर आप सोच रहे हैं “मैं कब बदल गया?” —
तो हो सकता है अब थायरॉयड की जांच का समय आ गया है।

ये एक छोटा सा टेस्ट है — लेकिन इलाज ज़िंदगी बदल सकता है।
और यकीन मानिए, भविष्य का “आप” आज के “आप” को शुक्रिया ज़रूर कहेगा।


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